Posts

सत्य का गान

Image
*🌱बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय🌱*  आज बताएंगे कि कबीर साहेब का जन्म दिवस नहीं होता, प्रकट दिवस होता ह #KabirPrakatDiwasNotJayanti #1DayLeft_KabirPrakatDiwas 🌺 *सतगुरु रामपाल जी महाराज जी* प्रमाणित करके बताते हैं :- 🎆कबीर साहेब का प्रकट दिवस होता है, जयंती नहीं! सन् 1398 (विक्रमी संवत् 1455) ज्येष्ठ मास शुद्धि पूर्णमासी को ब्रह्ममूहूर्त में अपने सत्यलोक से सशरीर आकर परमेश्वर कबीर बालक रूप बनाकर लहरतारा तालाब में कमल के फूल पर विराजमान हुए। पूर्ण परमात्मा का माँ के गर्भ से जन्म नहीं होता। 🎆कबीर साहेब का जन्म नहीं होता! आदरणीय गरीब दास जी ने भी अपनी वाणी के माध्यम से यह बताया है कि परमात्मा कबीर जी की कोई माता नही थी अर्थात उनका जन्म माँ के गर्भ से नही हुआ। गरीब, अनंत कोटि ब्रह्मांड में, बंदीछोड़ कहाय।  सो तो एक कबीर हैं, जननी जन्या न माय।। 🎆कबीर परमात्मा सशरीर सतलोक से आते हैं, उनका जन्म नहीं होता। जो देव जन्म मृत्यु के चक्कर में है उनकी जयंती मनाई जाती है लेकिन पूर्ण परमात्मा कबीर जी का प्रकट दिवस मनाया जाता है क्योंकि वो सत्यलोक से सशरीर पृथ्वी पर प्रकट होते ...

astha

Image
Kabir Saheb met prophet Muhammad and gave him true spiritual knowledge, but due to increasing number of disciples, the his pride had magnified and hence he remained in the trap of Kaal (Satan) ham mohammad ko vahaan le gayo, ichchha roopee vahaan nahin raho.

bhakti

Image
When God Kabir came to perform leela as sage Muninder ji in Tretayug, he met Hanuman ji. And told about Satlok, Hanumanji believed that he is God. Satlok is a place of happiness. Hanuman Ji took initiation from Muninder ji who blessed his life and made him a liberator from kaal's trap.

कन्या भ्रूण हत्या

Image
कन्या भ्रूण हत्या एक तरह का महापाप है। यह जघन्य अपराध है। इसका मुख्य कारण दहेज प्रथा है। 

barojgar

पढ़े लिखे लोग भी इतनी बेरोजगार है इनके लिए रोजगार का कोई साधन नहीं है इनकी डिग्रियां  किसी काम के नहीं है गवर्नमेंट भी कोई ध्यान नहीं दे रही है कोई  एनजीओ भामाशाह ध्यान नहीं दे रही है लाखों लोग इधर-उधर भटक रहे हैं बहुत से युवा आत्महत्या करने को तैयार हैं और बहुत से मर भी जाते हैं

बैरोजगार

पढ़े लिखे लोग भी यहां  बेरोजगार बिल्कुल फ्री बैठे हैं बेरोजगारी एक आम समस्या हो गई है किसी भी तरह की सरकार बेरोजगारों के ऊपर ध्यान नहीं दे रही है जबकि ग्रेजुएट लोगों के लिए सरकार की तरफ से मानदेय या किसी प्राइवेट कंपनी में लगा कर जिम्मेदारी निभानी चाहिए